अध्ययन ऋण का उपहार, करें आपके सपनों को साकार

मुख्य पृष्ठ

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की योजना

आवेदन पत्र (परिवहन श्रेत्र)
आवेदन पत्र (परिवहन के अतिरिक्त अन्य श्रेत्र)

वर्ष 1998 से निगम ने इस वर्ग के ऐसे सदस्यों को जो बड़ी स्कीमें चलाना चाहते हों, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से उच्च लागत के ऋण देने की योजना बनाई है। निगम द्वारा वैन (टैक्सी), मैक्सी कैब, आँटो रिक्शा, सुअर पालन तथा लघु व्यवसाय आदि व कुछ अन्य आय जनित परियोजनाओ के लिए ऋण दिया जाता है। 
योजना की मुख्य विशेषतायें :
  1. योजना का शुभारम्भ : वर्ष 1998-99
  2. योजना :
    1. ऋण सीमा मु.50,000/- रूपये से 5 लाख रू. तक
    2. ब्याज दर 6 प्रतिशत।
वित्तीय स्त्रोत :
  1. शीर्ष निगम द्वारा सावधि ऋण- परियोजना लागत का 85%
  2. राज्य निगम द्वारा सीमांत धन ऋण - परियोजना लागत का 10%
  3. लाभार्थी का अंशदान- परियोजना लागत का 5% तक
प्रक्रिया: आवेदक निर्धारित आवेदन पत्र पर निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ जिला प्रबन्धक कार्यालय में आवेदन कर सकता है:
  1. आय प्रमाण पत्र ।
  2. हिमाचली व आयु प्रमाण पत्र।
  3. परिवहन योजना के मामले में सम्बन्धित वाहन को चलाने का वैध लाईसैस तथा परिवहन विभाग से अनुमति पत्र।
  4. अनुभव प्रमाण पत्र तथा ऋण सुरक्षा सम्बन्धी दस्तावेज।
  5. पास पोर्ट साईज फोटो।
लघु ऋण योजना

लघु ऋण योजना एवं महिला समृदि योजना- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम, के सहयोग से सफाई कर्मचारी वर्ग के परिवारों को छोटा रोजगार शुरु करने के लिए उनकी लघु ऋण की मांग की पूति के लिए व्य़क्तिगत या समूह के सदस्यों को मु. 50,000/- रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाती है । जिसमें निगम द्वारा कुल लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम मु0 10,000/- रुपये तक पूँजी अनुदान भी दिया जाता है । लाभार्थी को ऋण भाग पर 4 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करना होता है । इसी तर्ज पर महिला लाभार्थी को भी महिला समृदि योजना के अधीन मु0 50,000/- रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाती है । लाभार्थी को समस्त ऋण मासिक किश्तों में 3 वर्ष की अवधि के अन्दर वापिस लौटाना होता है ।

हमारी योजनायें

स्वरोजगार
अम्बेदकर लघु ऋण
हिम स्वावलम्बन
हस्त शिल्प विकास
शिक्षा ऋण
लघु विक्रय केन्द्र
व्यवसायिक प्रशिक्षण
अस्वच्छ कार्यों में संलिप्त परिवारों एवं उनके आश्रितों की विमुक्ति एवं पुर्नवास