राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित एवं विकास निगम के सौजन्य से अनुसूचित जाति वर्ग के निर्धन परिवारों के मेधावी छात्र जो धन के अभाव से अपनी व्यवसायिक व तकनीकी उच्च शिक्षा अध्ययन को जारी नहीं रख सकते है उनके लिए, शिक्षा ऋण प्रदान करता है ताकि वे अपना अध्ययन जारी रख सके।
योजना की मुख्य विशेषतायें
- योजना का शुभारम्भ : वर्ष 2010-11
- योजना :- -- शिक्षा ऋण योजना
(i ) मैट्रिक स्तर से ऊपर व्यवसायिक एक तकनीकी विषयों में मान्यता: प्राप्त शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाना ।
(ii) वार्षिक आय सीमा मु0 3,00,000/- रुपये ग्रामीण क्षेत्रो तथा मु0 3,00,000 /- रुपये से कम शहरी क्षेत्रो मे।
- अधिकतम ऋण सीमा पांच वर्ष के लिए अध्ययन के लिए मु. 7,50 लाख रुपये तक ।
(iv) ब्याज दरः 5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर छात्रों के लिए तथा 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर छात्राओ के लिए ।
3. अनुमोदित कोर्सः- इजीनिरिंग, मैडिकल, डैन्टल,मैनेजमैंट, आई.टी,होटल मैनेजमैंट, आकीटैकचर ,वायोटैक्नौजी, लां जरनालीजम, सी0ए0, आई0सी0, डब्लयू0ए0, सी0एस0,ए0एम0, आई0ई0, एफ0आई0ए0, आई0ई0टी0ई0, एम0फील, पी0एच0डीआदि 1
वित्तीय स्त्रोतः—
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एव. विकास निगम के सौजन्य से 1
पात्रता
- आवेदक अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखता हो व हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी हो ।
- परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रो मे मु0 81,000 /- रुपये तथा शहरी क्षेत्रो मे 1,03,000 /- रुपये से कम हो 1
- मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान का नियमित छात्र / छात्रा हो ।
- वित्तीय संस्थाओं का ऋण दोषी न हो।
प्रक्रिया
निर्धारित प्रपत्र पर जिला प्रबन्धक को निम्नलिखित दस्तावेजों सहित आवेदन किया जा सकता हैः—
- पासपोर्ट साईज दो फोटो।
- आय प्रमाण पत्र।
- अनुसूचित जाति/ व हिमाचली प्रमाण पत्र।
- ऋण इकरारनामा।
- जमानतनामा।
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