हिमाचल प्रदेश बहुत कम समय में ही शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यान, सामाजिक कल्याण तथा समग्र वृद्धि के लिए छोटे राज्यों में ही नहीं अपितु बड़े राज्यों में भी आार्थिक विकास का आदर्श बन कर उभरा है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश को देश में सबसे अधिक सम्पन्न तथा तीव्र गति से बढ़ने वाली अर्थ-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य की अर्थ-व्यवस्था के 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की सम्भावना है।
राज्य सकल घरेलू उत्पाद, कारक लागत पर प्रचलित भावों पर वर्ष 2014-15 में ृ1,04,177 करोड़ से 9.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2015-16 में ृ1,13,667 करोड़ रहा। स्थिर भाव ;2011-12द्ध पर यह वर्ष 2014-15 में ृ89,095 करोड़ से 8.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2015-16 में ृ96,289 करोड़ हो गया जबकि गत वर्ष में यह वृद्वि दर 7.5 प्रतिशत थी। सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मुख्यतः सामुदायिक व व्यैक्तिक सेवाओं ;12.3 प्रतिशतद्ध, विनिर्माण क्षेत्र ;11.0 प्रतिशतद्ध, विद्युत, गैस, व जलापूर्ति ;9.2 प्रतिशतद्ध, यातायात व व्यापार ;8.6 प्रतिशतद्ध तथा वित्तीय व स्थावर सम्पदा में ;7.5 प्रतिशतद्ध के कारण सम्भव हुई है। जबकि प्राथमिक क्षेत्र में मामूली वृद्धि ;0.7 प्रतिशतद्ध रही। खाद्य उत्पादन वर्ष 2014-15 में 16.08 लाख मी0टन से बढ़कर वर्ष 2015-16 में 16.34 लाख मी0टन रहा जबकि वर्ष 2016-17 में 16.45 मी0टन का लक्ष्य है। फल उत्पादन वर्ष 2014-15 में 7.52 लाख मी0टन से 23.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2015-16 में 9.29 लाख मी0टन रहा। तथा वर्ष 2016-17 में ;दिसम्बर, 2016 तकद्ध उत्पादन 5.10 लाख मी0टन हुआ है।
वर्ष 2014-15 में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भाव पर ृ1,24,325 से बढ़ कर वर्ष 2015-16 में ृ 1,35,621 हो गई जो कि 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
अग्रिम अनुमानों के अनुसार तथा दिसम्बर, 2016 की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत वर्ष 2016-17 में विकास दर 6.8 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था जोकि मुख्यतः कृषि व सम्बन्धित क्षेत्रों पर ही निर्भर है। 1990 के दशक में विशेष उतार चढ़ाव नहीं आए अैर विकास दर अधिकांशतः स्थिर रही। अर्थ-व्यवस्था में कृषि क्षेत्र से उद्योग व सेवा क्षेत्रों के पक्ष में रूझान पाया गया क्योंकि कृषि क्षेत्र का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान जो वर्ष 1950-51 में 57.9 प्रतिशत था तथा घटकर 1967-68 मंे 55.5 प्रतिशत, 1990-91 में 26.5 प्रतिशत और 2015-16 में 9.4 प्रतिशत रह गया।
उद्योग व सेवा क्षेत्रों का प्रतिशत योगदान 1950-51 में क्रमशः 1.1 व 5.9 प्रतिशत से बढ़कर 1967-68 में 5.6 व 12.4 प्रतिशत, 1990-91 में 9.4 व 19.8 प्रतिशत और 2015-16 में 25.2 व 43.9 प्रतिशत हो गया। शेष क्षेत्रों में
1950-51 के 35.1 प्रतिशत की तुलना में 2015-16 में 21.5 प्रतिशत का सकारात्मक सुधार हुआ है।
कृषि क्षेत्र के घट रहे अंशदान के बावजूद भी प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में इस क्षेत्र की महत्ता पर कोई असर नहीं पड़ा। राज्य की अर्थ-व्यवस्था का विकास अधिकतर कृषि तथा उद्यान उत्पादन द्वारा ही निर्धारित होता रहा है, जैसा कि सकल घरेलू उत्पाद में इसका मुख्य योगदान रहता है तथा अन्य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव रोजगार, अन्य आदान तथा व्यापार सम्बद्धताओं के कारण रहा है। सिंचाई सुविधाओं के अभाव में हमारा कृषि उत्पादन अभी भी अधिकांशतः सामयिक वर्षा व मौसम स्थिति पर निर्भर करता है। सरकार द्वारा इस क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता दी गई है।
राज्य ने फलोत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। विविध जलवायु, उपजाऊ गहन और उपयुक्त निकासी वाली भूमि तथा भू-स्थिति में भिन्नता एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समशीतोषण से उप्पोषण कटिबन्धीय फलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। प्रदेश का क्षेत्र फलोत्पादन में सहायक व सम्बन्धी उत्पाद जैसे फूल, मशरूम, शहद और हाॅप्स की पैदावार के लिए भी उपयुक्त है।
वर्ष 2015-16 में ;दिसम्बर, 2016 तकद्ध 5.10 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ तथा 3,000 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र फलों के अधीन लाने का लक्ष्य है जिसके फलस्वरूप दिसम्बर, 2016 तक 2,817 हैक्टेयर क्षेत्र फलों के अधीन लाया जा चुका है। दिसम्बर, 2016 तक 7.53 लाख विभिन्न प्रजातियों के फलों के पौधों का वितरण किया गया। प्रदेश में बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2015-16 में 16.09 लाख टन सब्जी उत्पादन हुआ जबकि वर्ष 2014-15 में 15.76 लाख टन का उत्पादन हुआ था जो कि 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2016-17 में बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन 15.00 लाख टन होने का अनुमान है।
प्रदेश की बढ़ती हुई अर्थ-व्यवस्था की आवश्यकता को देखते हुए सरकार ने एक कार्यक्रम प्रारम्भ किया है जिसमें राज्य को निरन्तर निर्बाध विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। विद्युत के उत्पादन, संचारण तथा वितरण को बढ़ाने के लिए कई पग उठाए गए हैं। ऊर्जा संसाधन के रूप में जलविद्युत आर्थिक रूप से व्यवहारिक प्रदूषण रहित तथा पर्यावरण के अनुकूल है। इस क्षेत्र के पुनर्गठन के लिए, राज्य की विद्युत नीति सभी पहलुओं जैसे कि अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन संरक्षण की क्षमता, उपलब्धता, बहन करने योग्य, दक्षता, पर्यावरण संरक्षण व प्रदेश के लोगों को रोज़गार सुनिश्चित करने पर जोर देती है। यद्यपि निजी क्षेत्रों के योगदान को यह प्रोत्साहित करता है, इसके साथ ही सरकार द्वारा प्रदेशवासी निवेशकों के लिए 2 मैगावाट की लघु परियोजनाओं को आरक्षित रखा गया है और 5 मैगावाट की परियोजनाओं तक उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
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हिमाचल प्रदेश सरकार मौसम परिवर्तन से तालमेल बिठाने हेतू महत्वाकांक्षी योजना पर काम रही हैै। राज्य की कार्य योजना में मौसम परिवर्तन से सम्बन्धित संस्थागत क्षमता का सृजन तथा क्षेत्रवार गतिविधियों को अमल में लाना है।
सूचना प्रौद्योगिकी में रोज़गार सृजन व राजस्व अर्जन के व्यापक अवसर हैं। प्रशासन में प्रवीणता व पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सरकार ने हिमस्वान के माध्यम से जी.टू.जी., जी.टू.सी., जी.टू.बी., ई-प्रक्योरमैंट, ई-समाधानतंत्र इत्यादि प्रणालियां प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है।
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पर्यटन अर्थ-व्यवस्था में वृद्धि करने का एक प्रमुख साधन है तथा राजस्व प्राप्ति का एक महत्त्वपूर्ण सत्रोत है तथा विविध प्रकार के रोज़गारों का जनक है। राज्य सरकार ने पर्यटन विकास के लिए उपयुक्त आधारभूत सुविधाओं की संरचना की है जिनमें नागरिक सुविधाओं का प्रावधान, सड़क मार्ग, दूरसंचार तंत्र, विमानपत्तन, यातायात सुविधाएं, जलापूर्ति तथा नागरिक सुविधाएं इत्यादि उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके परिणाम स्वरूप उच्च-स्तरीय प्रचार से घरेलू तथा विदेशी पर्यटकों के आगमन में पिछले कुछ वर्षों के दौरान महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है जो कि निम्नलिखित है।
मूल्य नियन्त्रण सरकार की हमेशा प्रमुखता रही है। हि0प्र0 श्रमिक वर्ग खाद्य मूल्य सूचकांक वर्ष 2016-17 में राष्ट्रीय स्तर के 2.2 प्रतिशत की तुलना में माह दिसम्बर, 2016 तक 3.4 प्रतिशत रहा।
वर्ष 2017-18 की वार्षिक योजना ृ5,700 करोड़ की निर्धारित की गई है। जोकि वर्ष 2016-17 से 9.6 प्रतिशत अधिक है।
लोक शिकायत व उन्मूलन निवारण की वचनबद्धता के अन्तर्गत सरकार द्वारा माननीय मुख्यमन्त्री की देखरेख में अधिक कुशल कार्य के लिए प्रत्येक लोक सेवा से सम्बन्धित विभाग में एक अलग
विभाग स्थापित किया गया है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां पर लोक शिकायत निवारण हेतू ई-समाधान पोर्टल प्रारम्भ किया गया है।
समाजिक कल्याण कार्यक्रम राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता रही हैै। लोक सेवाओं के संचालन हेतू सरकार द्वारा लगातार एवं ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार की सामाजिक कल्याण पुनरूत्थान के अन्तर्गत मुख्य उपलब्धियाॅः
1) राज्य, शिक्षा एवं समग्र विकास में देश का सर्वश्रेण्ठ राज्य आंका गया है।
2) राज्य को खुले में शौचमुक्त राज्य के रूप में दूसरे पायदान पर घोषित किया गया है।
3) भारत सरकार द्वारा ‘‘समार्ट सिटि मिशन‘‘ के लिए नगरपालिका धर्मशाला को अनुमोदित किया गया है।
4) राज्य के 20 विभागों में ‘‘पब्लिक सर्विस गारन्टी एक्ट के अन्तर्गत 119‘‘ को समयवद्ध सेवाओं और समाधान हेतू लागू किया गया है।
5) हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां पर न्यायलय की आवश्यकताओं की अनिवार्यता न हो के लिए शपथ-पत्र की अनिवार्यता को समाप्त किया गया है।
6) सामाजिक सुरक्षा पैन्शन को ृ600 से बढ़ाकर ृ650 प्रति माह किया गया है।
7) कौशल विकास योजना के अन्तर्गत 1,58,100 प्रशिक्षुओं को ृ116 करोड़ प्रदान किए गए हैं।
8) राज्य के 80 वर्ष की आयु से ऊपर के वृद्धों को जो अन्य किसी प्रकार की पैन्शन नहीं ले रहे हैं को ृ1,200 प्रति माह पैन्शन प्रदान की जा रही है।.
9) किसानों को बैंकों द्वारा 7.14 लाख किसान क्रेडिट कार्ड आवंटित किए गए हैं।
10)राज्य में 18,26,390 राशनकार्ड धारकों को बढ़ती मंहगाई से निजात दिलाने हेतू रियायती दर पर आवश्यक खाद्य सामग्री प्रदान की जा रही है।
11) राजीव गांधी अन्न योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को चावल ृ3.00 प्रति कि0ग्रा0 तथा गेहंू ृ2.00 प्रति कि0ग्रा0 दिए जा रहे हैं।
12) खेती को बढ़ाने व आवारा पशुओं, जंगली जानवरों तथा बंदरों से बचाने हेतू सरकार द्वारा “मुख्यमन्त्री खेत संरक्षण योजना“ 60ः40 के अनुपात में शुरू की गई है।
13) मौसम आधारित फसलों के बीमा योजना पुनर्निर्माण के अन्तर्गत ;आर-डब्ल्यू.वी.सी.आई.एस.द्ध द्वारा 2,33,378 किसानों को वर्ष 2016-17 के दौरान रवी फसलों के लिए बीमित किया गया है।
14) उद्यान क्षेत्र में विविधता हेतु 79.693 हैक्टेयर भूमि को माह दिसम्बर, 2016 तक फूल उत्पादन के अन्तर्गत लाया गया है।
15) उद्यानों को ओलावृष्टि से बचाने हेतु, सरकार ओले रोधक जाली लगाने पर 80 प्रतिशत उपदान प्रदान कर रही है
16) मौसम आधारित फसल बीमा योजना को सेब बहुल वाले 36 खण्डों, आम बहुल वाले 41 खण्डों, किन्नू बहुल वाले 15 खण्डों, प्लम बहुल वाले 13 खण्डों व आड़ू बहुल वाले 5 खण्डों में लागू किया गया है।
17) बागवानी उत्पादों की उत्पादकता व गुणवता हेतु विश्व बैंक द्वारा पोषित ृ1,169.15 करोड़ की परियोजना शुरू की गई है।
18) वर्ष 2015-16 के दौरान 1,573 मिलियन युनिट विद्युत का उत्पादन किया गया है।
19) प्रदेश में उपलब्ध पनबिजली की कुल 27,436 मैगावाट क्षमता में से 10,351 मैगावाट पनबिजली का दोहन कर लिया गया है जो कि कुल क्षमता का 37.73 प्रतिशत है।
20) बिजली के उपभोक्ताओं को प्रति उपभोक्ता 10 एल.ई.डी. बल्व बाज़ार से कम भावों पर प्रदान किए जा रहे हैं।
21) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार योजना गारंटी के तहत 4,31,933 परिवारों के लिए 160.31 लाख कार्य दिवस सृजित किए गए।
22) वर्तमान वित्त वर्ष में राजीव आवास योजना के अन्तर्गत 846 घरों का निर्माण किया जा रहा है।
23) चालू वित्त वर्ष में प्रदेश के सामान्य श्रेणी के बी0पी0एल0 परिवारों के लिए मुख्यमन्त्री आवास योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत प्रति इकाई ृ1,30,000/-की सहायता प्रदान की जाती है।
24) प्रदेश के सभी 12 जिलों में स्वच्छ भारत अभियान को एक परियोजना के रूप में चलाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में जाना जाता है।
25) मातृ-शक्ति बीमा योजना के अन्तर्गत, गरीबी रेखा से नीचे की 10 से 75 वर्ष की महिलाओं को उनकी दिव्यांगता अथवा मृत्यु पर लाभान्वित किया जा रहा है।
26) ्रदेश की नगरपालिकाओं/ नगरपरिषदों में शामिल किए गए नए क्षेत्रों में रोज़गार सृजन हेतु लाल बहादुर शास्त्री कामगार एवं शहरी आजीविका योजना के अन्तर्गत ृ1.50 करोड़ का प्रावधान किया गया।
27) 54 शहरी स्थानीय निकायों द्वारा 1,416 कि0मी0 सड़कें/ पथ/ गलियां /नालियों का रख-रखाव किया जा रहा है।
28) राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत 208 लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया।
29) सर्व शिक्षा अभियान के तहत गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तथा प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्य प्राप्ति पर विशेष बल दिया जा रहा है।
30) छðी से आठवीं कक्षा के छात्रों के गणित व विज्ञान विषय को रूचिपूर्ण बनाने व विषय में नवाचार करने हेतु ‘‘प्रयास‘‘ नामक कार्यक्रम शुरू किया गया हैं
31) प्रदेश में बालिकाओं को विश्वविद्यालय स्तर तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जा रही है।
32) प्रदेश के शिक्षा में पिछड़े खण्डों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से सम्बन्ध रखने वाली नौवीं से बारहवीं कक्षाओं की छात्राओं को मुफ्त छात्रावास की सुविधा प्रदान की जा रही है।
33) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के अधीन 52,969 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछडे़ वर्ग के विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया।
34) राजीव गांधी डिजीटल विद्यार्थी योजना के अन्तर्गत 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को 10,000 नोट बुक्स प्रदान की गई हैं।
35) शिक्षा की गुणवता सुधारने के लिए हर जिले के प्रत्येेक निर्वाचन क्षेत्र में दो सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं को आदर्श माॅडल स्कूल के तौर पर मनोनीत किया गया है।
36) समाज से वंचित वर्ग के शैक्षणिक स्तर को सुधारने हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा विभिन स्तरों पर विभिन्न प्रकार की छात्रवृति/वज़ीफा प्रदान किया जा रहा है।
37) तीन मैडिकल कालेज जिला चम्बा, सिरमौर तथा हमीरपुर में खोले गए हैं।
38) जिला मण्डी के ई.एस.आई. मैडिकल कालेज को सरकार द्वारा अपने अधिकार में ले लिया गया है।
39) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 24 घण्टे आपात कालीन सेवाएं प्रदान करने वाले 95 स्वास्थ्य संस्थानों को चिन्हित किया गया है।
40) ‘‘मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य संरक्षण योजना‘‘ के अन्तर्गत एक लाख से अधिक स्मार्ट कार्ड चयनित परिवारों को प्रदान किए गए हैं।
41) ‘‘बेटी है अनमोल योजना‘‘ के अन्तर्गत 11,359 बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है।
42)‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘‘ योजना प्रदेश के ऊना जिले में शुरू की गई है। वर्तमान में यह योजना कांगड़ा तथा हमीरपुर जिलों में भी शुरू की जा चुकी है।
43) ‘‘मुख्यमन्त्री कन्यादान योजना‘‘ के अन्तर्गत दिसम्बर, 2016 तक 1,314 लाभार्थियों को समाविष्ट किया गया है।
44) अन्तर्जातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि ृ25,000 से बढ़ाकर ृ50,000 की गई है। चालू वर्ष के दौरान 277 जोड़ों को लाभान्वित किया गया है।
45) इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के अन्तर्गत ृ6,000की नकद राशि का प्रावधान है तथा इसके अन्तर्गत अभी तक 4,717 महिलाओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है।
46) बलात्कार पीड़ित महिलाओं को ृ75,000 की राशि वित्तीय सहायता एवं संबल सेवाओं के तौर पर प्रदान की जाती है तथा इस योजना के अन्तर्गत 56 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका हैं
47) ‘‘मदर टैरेसा असहाय मातृ संबल योजना‘‘ के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष के दौेरान 23,875 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है।
48) सामान्य जनता को जवाबदेही, पारदर्शिता, कुशलता, तथा वितरण प्रक्रिया को सुधारने के लिए ॅमइ सेवाओं को प्रदेश के सभी योजना एवं विशेष क्षेत्रों में शुरू किया जा चुका है।
49) राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं में नए चुने गए प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
50) हिमाचल प्रदेश केवल एक ऐसा राज्य है, जिसने समानान्तर कनैक्टीविटी, 1,860 सरकारी कार्यालयों को प्रदान की है।
51)स्टेेट पोर्टल तथा स्टेट सर्विस डिलिवरी गेटवे, के अन्तर्गत 57 जी.टू.सी सेवाओं को ूूूण्मेमतअपबमीचण्हवअण्पद राज्य पोर्टल से उपलब्ध कराया जा रहा है।
52) आधार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015 की अनुमानित जनसंख्या, जोकि 72.46 लाख (100.69 प्रतिशतद्ध है, को यू.आई.डी. ;न्ण्प्ण्क्द्ध आधार संख्या जारी किए जा चुके हैं।
53)राज्य में जनता के लिए जन सेवा वितरण हैल्पलाइन शुरू की गई है।
54)सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए टोल फ्री नं0 की एक सुविधा स्थापित की गई है।
55) राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 24 घण्टे आपात कालीन सेवाएं प्रदान करने वाले 95 स्वास्थ्य संस्थानों को चिन्हित किया गया है।
56) बलात्कार पीड़ित महिलाओं को ृ75,000 की राशि वित्तीय सहायता एवं संबल सेवाओं के तौर पर प्रदान की जाती है तथा इस योजना के अन्तर्गत 56 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका हैं
57) राज्य की प्रति व्यक्ति आय ने वर्ष 2014-15 की तुलना में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए वर्ष 2015-16 में ृ1,35,621 के स्तर को छू लिया है तथा वर्ष 2016-17 में यह ृ1,47,277 होने का अनुमान है।